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Dr. Gursevak Singh was born in Rajasthan, India. Dr.Gursevak Singh has six years’ experience in Ayurveda, with special interest in Kidney, Liver and Dialysis correction. He is founder of GuruNanak Ayurveda.

Friday, 20 March 2020

लीवर की खराबी होने के लक्षण और उपाय Dr Gursevak Singh Rajasthani

अगर किसी का लीवर ख़राब हो गया हो तो सम्पर्क करें 

अगर किसी की दोनों किडनियां लीवर क्षतिग्रस्त हो गए हो यां डायलिसिस हो रही हो यां फिर पेट में पानी भर रहा हो तो उन्हें पूरी तरह से ठीक करने की आयुर्वेदिक दवाई वैद गुरसेवक सिंह राजस्थानी द्वारा बल्लबगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा में दी जाती है। अनाथ व दिव्यांगों को दवाई फ्री में दी जाती है। 

Contact: +919352740791 +918368489856

ज्यादातर लीवर की खराबी अधिक तेल मसाले वाला भोजन, ज्यादा शराब पीने या बाहर का खाना अधिक खाने की वजह से होता है. लीवर की खराबी के कई लक्षण हो सकते  हैं.

आज कल हर व्यक्ति को पेट से सम्बंधित कुछ न कुछ परेशानी लगी रहती है. यह परेशानी लीवर में गड़बड़ी की वजह से अधिक होती हैं. खान पान पर विशष ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसकी वजह से लीवर ख़राब हो जाता है. इसमें लीवर का फैटी होना, सूजन आ जाना और लीवर में इन्फेक्शन हो जाना शामिल है.

यदि हमारा खाना ठीक प्रकार से नहीं पच रहा है या हमे पेट में किसी प्रकार की परेशानी आ रही हैं तो हमे समझ जाना चाहिए की ये लीवर की खराबी के लक्षण हैं. इसे अनदेखा करना घातक साबित हो सकता है.

ज्यादातर लीवर की खराबी अधिक तेल मसाले वाला भोजन, ज्यादा शराब पीने या बाहर का खाना अधिक खाने की वजह से होता है. लीवर की खराबी के कई लक्षण हो सकते  हैं.

इसमें मुंह बदबू आना, आंखों के नीचे काले धब्बे पड़ना, पेट में हमेशा दर्द रहना, भोजन का सही ढंग से नहीं पचना, त्वचा पर सफ़ेद धब्बे पड़ना, पेशाब या मल गहरे रंग का होना इत्यादि लीवर की खराबी के सामान्य लक्षण हैं. लीवर की खराबी का हमें जांच के बाद ही पता चल सकता है.

यदि पाचनतंत्र में खराबी हो या लीवर पर वसा जमा  हो या फिर वह बड़ा हो गया हो तो ऐसे में पानी भी नहीं हजम होगा. त्वचा पर सफ़ेद धब्बे पड़ने लगते हैं, जिससे “लीवर स्पॉट” भी कहा जाता है. अगर हमारा लीवर सही से कार्य नहीं कर रहा होता है तो बदबू भी आने लगती है, क्योंकी मुंह में अमोनिया ज्यादा रिसता है.

फैटी लीवर रोग में भोजन — क्या खाना चाहिए



  • लीवर बढने या अन्य लीवर के रोगों में मरीज का खाना हल्का और आसानी से पचने वाला होना चाहिए ।
  • जौ के आटे की रोटी, जौ का सत्तू, मूंग की दाल, साबूदाने की खीर का सेवन करें |
  • हाई फाइबर वाले फल सब्जियां जैसे फलियां और साबुत अनाज अपने भोजन में शामिल करें |
  • नाश्ते में खिचड़ी, दलिया और उबली हुई सब्जी लें |
  • दोपहर के खाने में छिलके सहित आटे की दो रोटी, दो कटोरी उबली हुई सब्जी, एक छोटी कटोरी कटा हुआ पपीता और एक गिलास छाछ लें। शाम को चार बजे पपीता और अन्य कोई फल लें |
  • रात के खाने में : मोटे दरदरे आटे की 1 रोटी, 1 कटोरी दलिया और सब्जियों से बना सूप लें। सोने से एक घंटा पहले बिना चीनी वाला उबला हुआ 1 कप दूध पिएं।
  • फलों में पपीता, तरबूज, सेब, अनार, आंवला, नारियल खाएं।
  • फैटी लीवर के रोगी को मौसमी, पपीता, अमरूद, सेब जरुर खिलाएं।
  • सब्जियों में करेला, बैगन, मूली, नीबू, लहसुन, लौकी, धनिया, गाजर, ब्रोकली, बथुआ का साग का सेवन करें।
  • शुद्ध गन्ने का रस और कच्चे नारियल का पानी सुबह-शाम पिएं।
  • कड़वी मूली और उसके पत्तों का रस एक कप की मात्रा में सुबह-शाम पीने और इसकी सब्जी रोजाना खाने से रोग में शीघ्र आराम मिलता है।
  • फैटी लीवर होने पर अनार, आंवले व मूली का रस 2-2 चम्मच मिलाकर 2-3 बार नियमित पीने से शराब के सेवन से उत्पन्न लीवर का सूजन ठीक हो जाता है।
  • इस बीमारी में छाछ भी पियें और ग्रीन टी का भी सेवन करें |
  • ताकत के लिए अखरोट का सेवन करें, सूरज मुखी के बीज, ओलिव आयल को अपने आहार में शामिल करें
  • एक गिलास गाजर के जूस में 20 मिलीलीटर आंवले का जूस लेकर मिला लें और इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिला कर पियें |
  • लीवर के रोगों में पालक और चकुंदर का जूस भी लाभकारी है |
  • कच्चे पपीते का थोड़ा-सा रस लेकर उसमें थोड़ी-सी चीनी मिलाकर लेना चाहिए।
  • पके पपीते का थोड़ा-सा रस रोजाना पिलाने से भी लाभ होगा।
  • दूध में तुलसी के पत्तों का रस (10-15 बूंदें) मिलाकर रोज पिलाएं।
  • पानी में चूने के पानी की चार-पांच बूंदें डालकर रोजाना पिलाएं।
  • पीपल का चूर्ण शहद के साथ रोजाना दिन में दो बार चटाने से भी लाभ होगा।
  • करेले का थोड़ा-सा रस लेकर उसमें शहद मिलाकर रोजाना पिलाएं।
  • त्रिफला का थोड़ा-सा चूर्ण एक कप पानी में पकाएं। जब पानी एक चौथाई रह जाए तो उतारकर छान लें। इसे ठंडा करके एक चम्मच शहद में मिलाकर दें। 

लीवर बढ़ने की बीमारी में क्या नहीं खाना चाहिए : परहेज



  • फैटी लीवर की बीमारी में भारी, गरिष्ठ, घी तेल में तले, मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
  • भोजन हल्दी में न पकाएं। नमक भी नाममात्र का डालें।
  • घी और चीनी का प्रयोग बहुत ही कम करें। हो सके तो बंद ही कर दे तो अच्छा होगा।
  • फैटी लीवर में शराब, चावल, पास्ता, चाय, मैगी, चौमीन, कॉफी, तंबाकू, मांस खासकर रेड मीट और मिठाइयां न खाएं-पिएं।
  • सफेद डबलरोटी, बर्गर, जंक फ़ूड और मैदा से बने भोजन ना खाएं |
  • सोडा, कोला, एनेर्जी ड्रिंक, प्रोसेस्ड फ़ूड आदि से परहेज रखें |
  • कम वसा वाले, कम-कैलोरी वाले आहार आपको वज़न कम करने और फैटी लीवर की बीमारी से छुटकारा दिलवा सकता है |

इन बातों का भी रखे ख्याल



  • दर्द के स्थान पर गर्म पानी की थैली से सेंक करें।
  • दिन में सोने की आदत को टालें।
  • फैटी लीवर होने पर कब्ज की शिकायत न होने दें।
  • ज्यादा परिश्रम के काम न करें।
  • शरीर का वजन वजन कम करें अगर आप मधुमेह के रोगी है तो शुगर लेवल कंट्रोल करें |
  • देर रात तक ना जागे ।
  • फैटी लीवर के रोगी को सर्दियों के दिनों में धूप में बैठाएं।
  • सरसों के तेल की शरीर पर मालिश करें।

अगर किसी का लीवर ख़राब हो गया हो तो सम्पर्क करें 

अगर किसी की दोनों किडनियां लीवर क्षतिग्रस्त हो गए हो यां डायलिसिस हो रही हो यां फिर पेट में पानी भर रहा हो तो उन्हें पूरी तरह से ठीक करने की आयुर्वेदिक दवाई वैद गुरसेवक सिंह राजस्थानी द्वारा बल्लबगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा में दी जाती है। अनाथ व दिव्यांगों को दवाई फ्री में दी जाती है। 

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