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Dr. Gursevak Singh was born in Rajasthan, India. Dr.Gursevak Singh has six years’ experience in Ayurveda, with special interest in Kidney, Liver and Dialysis correction. He is founder of GuruNanak Ayurveda.

Friday, 20 March 2020

शुगर के लक्षण और शुगर से बचने के 10 तरीके Dr Gursevak Singh Rajasthani

डायबिटीज लेवल : डायबिटीज यानि शुगर की बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है। कई बार कुछ लोगों को इस बीमारी का तब पता चलता है, जब इससे शरीर के कुछ भागों (आंखों, किडनी, हार्ट) को नुकसान हो जाता है।

इस बीमारी का समय पर पता करना बहुत जरूरी है। डायबिटीज का किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। किडनी का खराब होना जानलेवा हो सकता है।

 आज हम आपको डायबिटीज के लक्षण बताएंगे, अगर आपको भी अपने शरीर इस तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं तो आप शुगर टेस्ट जरूर करवाएं। शुरू में ही शुगर की समस्या (Diabetes Problems)पर ध्यान दे दिया जाए तो आप बाकी हेल्थ प्रॉब्लम से बच सकते हैं।

डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms)

बार-बार बाथरूम जाना

जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है तो बार-बार पेशाब आने लगता है। शरीर में इकट्ठा हुआ शुगर पेशाब के जरिए शरीर से बाहर आने लगता है।

थकावट महसूस करना

अगर आप सारा दिन आलसी बने रहते है और थोड़ा-सा काम करने पर थकावट महसूस करने लगते हैं या फिर पूरी रात सोने के बाद भी आपको महसूस होता है कि नींद नहीं पूरी हुई तो अपना शुगर टेस्ट जरूर करवा कर देखें।

खुजली करने पर जख्म बनना

जब कभी शरीर के किसी भी भाग पर खारिश करने से जख्म बन जाता है और जल्दी ठीक नहीं हो पाता तो आपका शुगर लेवल बढ़ा हो सकता है। इस तरह की समस्या होने पर आपको तुरंत ईलाज की जरूरत हो सकती है।

नजर कमजोर होना

डायबिटीज का आंखों पर बहुत जल्दी बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे आपको दिखना कम हो सकता है। शुगर के कारण आंखों के पर्दो को नुकसान होता है। शुगर के कारण खत्म हुई नजर दोबारा ठीक नहीं होती

घाव जल्दी न भरना

सब्जी काटते हुए हाथ पर कट लगने और शेविंग करते कट लगने पर घाव जल्दी ठीक नहीं होता या फिर धीरे-धीरे ठीक होता है तो यह भी शुगर के लक्षण हो सकते हैं।

बार-बार भूख लगना

शरीर में शुगर लेवल बढ़ने पर बार-बार भूख लगने लगती है अगर आप पहले से ज्यादा खाना खा रहे हैं और फिर भी पेट भरा नहीं लगता तो आप शुगरग्रसित हो सकते हैं।

वजन का कम होना

भूख में बढौतरी होने पर खाना खाने के साथ वजन भी बढ़ना चाहिए लेकिन शुगर लेवल बढ़ने पर लोग खाना भी बहुत खाते हैं और वजन भी कम रहता है।

स्किन प्रॉबल्म

शुगर लेवल बढ़ने पर स्किन से जुड़ी समस्याएं सामने आने लगती है। फेस पर मुहांसे और ब्लैकहेड्स बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं।

मसूड़ो से खून बहना

दांतों की सफाई करते समय मसूड़ो से खून निकलना या फिर मसूड़ो में सूजन रहने का कारण भी डायबिटीज हो सकती है। अगर आपको यह लक्षण लगातार नजर आ रहा है तो आपको शुगर चैकअप कराना चाहिए।

बार-बार मुंह सूखना

मधुमेह होने पर बहुत ज्यादा प्यास लगती है। बार-बार मुंह सूखने लगता है या फिर मुंह में नमी की कमी लगती है।

मधुमेह या डायबिटीज से बचने के 10 तरीके

आज की तारीख में मधुमेह रोग एक बड़ी महामारी का रूप ले चुका है, और आने वाले 20 वर्षों तक मधुमेह/डायबिटीज के रोगियों की संख्या बढ़ती रहेगी।

बहुत कुछ बोला और लिखा गया है मधुमेह के नियंत्रण और डायबिटीज/मधुमेह के साथ एक स्वस्थ जीवन बिताने के बारे में, लेकिन इसके साथ ही मधुमेह की रोकथाम करने के पहलू को भी उजागर करने की जरूरत है।

 इस रोग की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि आप यह नहीं कह सकते कि यह बीमारी आपको हो सकती है या नहीं। इसलिए, बेहतर है कि पहले से सही कदम उठाएं और इससे दूर रहें।

अपने शर्करा (ग्लूकोस) के स्तर की जाँच करें

बहुत सारे लोग पहले से ही मधुमेह से पीढ़ित होते हैं। उनका (फास्टिंग शुगर 100-125 मिलीग्राम /डी एल) होता है और वह इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ होते हैं।

शर्करा परीक्षण करने से आपको समझने में मदद मिलेगी कि यदि आपको पूर्व मधुमेह है या नहीं या इसके विकास की संभावनाएं कितनी हैं। यदि आपको प्रीडायबिटीज है, आप इसे रोकने के लिए सही कदम उठा सकते हैं और इसे अपरिवर्तनीय मधुमेह में बदलने से रोक सकते हैं।

अपना लाइफस्टाइल बदलें

कभी कभी, छोटे परिवर्तन एक बड़ा फर्क ला सकते हैं। मधुमेह को रोकने के लिए जीवनशैली में हस्तक्षेप(बदलाव) सबसे अच्छा उदाहरण है। मधुमेह निवारण कार्यक्रमों पर कई अध्ययनों ने साबित किया है कि मधुमेह को आसीन जीवनशैली छोड़, स्वस्थ परिवर्तन अपनाकर प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।

स्वस्थ खाएं

कम कैलोरी, विशेष रूप से कम संतृप्त वसा वाला आहार खाएं। परिक्षण से पता चला है कि, वसा (फैट) का सेवन कुल कैलोरी की मात्रा के 30 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए जबकि संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट) सिर्फ 10 प्रतिशत तक प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज, डेयरी उत्पादों और ओमेगा -3 वसा के स्रोतों को शामिल कीजिये। इसके अलावा, फाइबर सेवन भी ज़्यादा कीजिये।

अपने खाने के हिस्से को सीमित रखें

आप कितना खाते हैं और कब खाते हैं बहुत महत्त्वपूर्ण है। दिन भर में भोजन विभाजित करने से मोटापे और मधुमेह का खतरा कम होता है। अनुपात हिस्सों में भोजन खाना निश्चित रूप से उपयोगी साबित होगा। खाने के पैटर्न में अनियमितता भी रक्त शर्करा के स्तर में भारी परिवर्तन का कारण बन सकती है।

शारीरिक रूप से सक्रिय रहें

स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छा तरीका व्यायाम करना है। यह न केवल मधुमेह को रोकता है पर एक सकारात्मक प्रभाव आपके समग्र स्वास्थ्य पर भी डालता है। आप ताज़ा और ऊर्जावान महसूस करेंगे।

अधिक वज़न और मोटापे से ग्रस्त लोगों को अपने दैनिक कार्यों में व्यायाम शामिल करना चाहिए। व्यायाम के 30 मिनट चाहे वह एरोबिक्स, सरल गतिविधियों जैसे नृत्य, टेनिस, जल्दी चलने के रूप में हो, आपके मधुमेह/टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को 30 प्रतिशत कम कर देता है।

यदि आपको व्यायाम करने के लिए समय निकालना मुश्किल लग रहा है, तो अपने विराम के बीच या अपने कार्यालय परिसर में भोजन करने के बाद चलें। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियमित करेगा और मधुमेह होने का खतरा कम हो जाएगा।

धूम्रपान न करें

जो लोग धूम्रपान करते हैं, वह मधुमेह होने का खतरा दुगुना कर देते हैं।आपको इस आदत को छोड़ना पड़ेगा तभी ही अन्य परिवर्तन आपके स्वास्थ्य पर पूर्ण रूप से प्रभाव कर सकेंगे ।

शराब का सेवन कम करें

ज़्यादा शराब पीने वाले लोग ज़्यादा जल्दी वज़न बढ़ने की प्रवृत्ति रखते हैं। मोटापे से मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आपको प्रीडायबिटीज है, शराब रक्त शर्करा में वृद्धि का कारण बनकर आपको जल्दी मधुमेह दे सकता है।

पर्याप्त नींद लीजिये

रोज़ाना रात को कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद बहुत जरूरी है। पर्याप्त नींद दिन के दौरान आपकी ऊर्जा का स्तर उच्च रखेगी, साथ ही यह उच्च कैलोरी वाले भोजन के लिए आपकी लालसा कम करने में मदद करेगी।

तनाव का प्रबंधन

जितना अधिक आप तनाव लेंगे उतना अधिक आप अस्वास्थ्यकर आदतों का पालन करेंगे। अध्ययन दिखाता है कि तनाव के हॉर्मोन्स रक्त शर्करा के स्तर में परिवर्तन लाते हैं और सीधा आपके मधुमेह के जोखिम को बढ़ाते हैं। अपने तनाव के स्तर को कम करने के लिए ध्यान का अभ्यास, योग, संगीत सुनना कोई भी ऐसी गतिविधि करें जो आप को तनाव से मुक्त और खुश रखे।

नियमित स्वास्थ्य जाँच

ऐसा कोई सबूत नहीं है कि मधुमेह को हमेशा के लिए रोका जा सकता है। जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है जो मधुमेह से जुड़े हैं। इसलिए, 47 साल की उम्र के बाद, हर साल नियमित रूप से पूर्ण स्वास्थ्य जांच कराना ज़रूरी है।

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