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Dr. Gursevak Singh was born in Rajasthan, India. Dr.Gursevak Singh has six years’ experience in Ayurveda, with special interest in Kidney, Liver and Dialysis correction. He is founder of GuruNanak Ayurveda.

Friday 20 March 2020

किडनी स्टोन कैसे बनता है और इसमें किस चीज़ का सेवन करना चाहिए Dr Gursevak Singh Rajasthani

 जिंदगी की भागदौड़ में खान-पान पर ध्यान न दे पाने के कारण आप कई बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं, जिसमें से किडनी स्टोन की समस्या भी एक है। आपके रोज के खाने में कुछ ऐसी फूड आइटम्स होती हैं, जिसका ज्यादा सेवन किडनी स्टोन का कारण बन जाता है।

इन फूड्स में ऑक्सलेट की मात्रा ज्यादा होती हैं जो यूरिन में मौजूद कैल्शियम से मिलकर पथरी बना देते हैं। वहीं, कुछ फूड डाइजेस्ट नहीं हो पाते और किडनी में जमा होने लगते हैं, जोकि बाद में पथरी का कारण बनते हैं।

रोजमर्रा के खान-पान का ध्यान रख कर आप किडनी स्टोन (Kidney Stone) के खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही चीजों के बारे में बताएंगे, जिन्हें सीमित मात्रा में खाकर आप किडनी स्टोन की समस्या से बच सकते हैं

किडनी स्टोन बनने का कारण क्या है (Causes of Kidney Stones)


पालक और भिड़ी

पालक और भिड़ी में ऑक्सलेट होता है जो कैल्शियम को जमा कर लेता है और यूरीन में नहीं जाने देता। धीरे-धीरे यही कैल्शियम किडनी में पथरी का रूप ले लेता है।

चाय

बहुत से लोग अपने दिन की शुरूआत चाय से करते हैं लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह पथरी का कारण बनती है। अगर आपको पहले से ही यह समस्या है तो चाय का सेवन पथरी का साइज बढ़ा सकता है।

टमाटर

टमाटर में भी ऑक्सेलेट पाया जाता है, जोकि पथरी का कारण बनता है। इसके बीज भी ठीक से डाइजेस्ट नहीं होते, जोकि पथरी का कारण बनते हैं। इसलिए टमाटर का इस्तेमाल हमेशा उसके बीज निकालकर और कम मात्रा में करें।

नमक

भोजन में नमक का इस्तेमाल कम करना चाहिए। क्योंकि इसमें सोडियम होता है, जो पेट में जाकर कैलशियम बन जाता है और धीरे-धीरे यह पथरी का रूप ले लेता है।

चॉकलेट

चॉकलेट में ऑक्सलेट बहुत अधिक मात्रा में होता है। इसलिए अगर आप किडनी स्टोन से बचना चाहते हैं तो चॉकलेट से दूरी बना लें।

नॉनवेज

मीट, मछली और अंडे में बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन होता है, जोकि किडनी में प्यूरीन की मात्रा बढ़ाता है। प्यूरीन की मात्रा बढ़ने पर यूरिक एसिड का स्तर बढ़ता है, जिससे पथरी बनती है। इसलिए इसका कम से कम सेवन करें।

चुकंदर

वैसे तो चुकंदर का जूस सेहत के लिए फायदेमंद होता है लेकिन अधिक मात्रा में इसका सेवन भी किडनी स्टोन का कारण बनता है।

पथरी में खाने लायक भोजन (what to eat in kidney stone in hindi)

1. पथरी में रेड मीट का लिमिटेड सेवन

जी हाँ! जो लोग रेड मीट बहुत शौक़ से खाते हैं उन्हें ये बात भी जान लेनी चाहिए कि अत्यधिक मात्रा में रेड मीट का सेवन करना बॉडी के लिए हानिकारक होता है। रेड मीट का अत्यधिक सेवन गुर्दे में पथरी की समस्या भी पैदा कर सकता है।

दरअसल रेड मीट में एनिमल प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। यह एनिमल प्रोटीन हमारी बॉडी के लिए उचित नहीं होता है। यदि हम अत्यधिक मात्रा में एनिमल प्रोटीन का सेवन कर लेते हैं तो ऐसे में शरीर में ना सिर्फ पथरी की समस्या हो जाती है बल्कि कई और भी समस्याएं हो सकती हैं।

2. पथरी में नमक का परहेज करें

ये भी एक ध्यान रखने वाली बात है कि अगर हम गुर्दे की पथरी से बचना चाहते हैं तो हमें नमक की कम मात्रा का सेवन करना चाहिए। यदि हम नमक की अत्यधिक मात्रा का सेवन करते हैं तो ऐसे में हमारे शरीर में कैल्शियम का उत्पादन ज़्यादा होने लगता है।

वैसे तो शरीर के लिए कैल्शियम की प्रचुर मात्रा आवश्यक है लेकिन नमक के अत्याधिक सेवन से बनने वाला कैल्शियम यूरीनरी ट्रैक को बाधित करता है।

इस तरह यह कैल्शियम शरीर को फ़ायदा न पहुंचाकर नुक़सान पहुँचाता है। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि नमक की अत्यधिक मात्रा का सेवन करना गुर्दे की पथरी को जन्म देने की सम्भानावों को बढ़ा सकता है।

3. पथरी में अंडे खाएं

यदि आप गुर्दे की पथरी से बचना चाहते हैं तो आपको अंडों की प्रचुर मात्रा का सेवन करना चाहिए। डॉक्टर्स गुर्दे की पथरी से बचाव के लिए अंडों के सेवन की सलाह देते हैं।

यदि गुर्दे की पथरी प्राथमिक स्टेज पर है तो ऐसे में डॉक्टर्स मरीज़ को तब तक अंडों का सेवन करने के लिए कहते हैं जब तक कि गुर्दे की पथरी शरीर से बाहर नहीं निकल जाती है।

अंडों में एनिमल प्रोटीन की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जोकि हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होती है। सबसे अच्छी बात तो यह है कि अंडों का नियमित रूप से सेवन करना हमारे शरीर में अनेक प्रकार के पोषक तत्वों की कमी भी पूरा करता है अतः हमें नियमित रूप से निश्चित मात्रा में अंडों का सेवन करना चाहिए।

4. पथरी में पानी की प्रचुर मात्रा का सेवन करें

गुर्दे की पथरी से बचने का प्राकृतिक इलाज यह है कि हम प्रचुर मात्रा में पानी का सेवन करें। कई बार तो यह भी देखा गया है कि हमारे शरीर में पानी की कमी होने से गुर्दे की पथरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।

जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करते हैं तो हमारे शरीर में काफ़ी मात्रा में मूत्र बनने लगता है। ज़्यादा मूत्र बनने से शरीर में उपस्थित हानिकारक पदार्थ शरीर से आसानी से निकलने लगते हैं।

एक तरह से हम जितना पानी पीते हैं हमारे शरीर की उतनी ही ज़्यादा सफ़ाई होती है। ठीक इसी तरह यदि गुर्दों में कैल्शियम का जमाव होने लगता है तो पर्याप्त पानी का सेवन करने से गुर्दों की सफ़ाई आसानी से हो जाती है।

इस तरह यह कहा जा सकता है कि पर्याप्त जल का सेवन गुर्दे की पथरी से छुटकारा दिलाने में मदद करता है

5. पथरी में आलू का सेवन करें

वैसे तो ज़्यादातर मामलों में यह देखा गया है कि हमें ज़्यादा मात्रा में आलू के सेवन से रोका जाता है लेकिन जब बात गुर्दे की पथरी की आती है तो ऐसे में डॉक्टर्स यह सलाह देते हैं कि ज़्यादा से ज़्यादा मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन किया जाए।

दरअसल कार्बोहाइड्रेट गुर्दे में पथरी के निर्माण को बाधित करता है। इस तरह कार्बोहाइड्रेट का सेवन गुर्दे की पथरी से निजात दिलाता है।

चूंकि आलू में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है इसलिए आलू का सेवन करने से गुर्दे की पथरी से बचा जा सकता है।

6. पथरी में पालक के सेवन से बचें

पालक एक हरी सब्ज़ी है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभदायक होती है लेकिन जब बात गुर्दे की पथरी की आती है तो ऐसे में पालक के सेवन से जितना हो सके उतना बचना ही चाहिए।

दरअसल पालक में कई ऐसे मिनरल्स पाए जाते हैं जोकि गुर्दे में पथरी की समस्या को जन्म देते हैं। पालक में ऑक्सिलेट नामक मिनरल पाया जाता है जो गुर्दे की पथरी के लिए ज़िम्मेदार होता है।तो इस तरह गुर्दे की पथरी से बचने के लिए पालक का सेवन नहीं करना चाहिए।

7. पथरी के रोगी के आहार में जंक फ़ूड ना हो 

जी हाँ, जंक फ़ूड वैसे तो बहुत ज़्यादा स्वादिष्ट होते हैं लेकिन ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही ज़्यादा नुकसानदायक होते हैं!

जंक फ़ूड न सिर्फ़ पाचन को ख़राब करते हैं बल्कि ये गुर्दे में पथरी की समस्या को भी जन्म देते हैं। ठीक इसी तरह जंक फ़ूड में फ्रक्टोज की अत्यधिक मात्रा पाई जाती है।

यदि हम पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट का सेवन करते हैं तो ऐसे में हमें फ्रक्टोज की कम मात्रा का सेवन करना चाहिए।

यदि हम जंक फ़ूड खाते हैं तो ऐसे में हमारे शरीर में कार्बोहाइड्रेट और फ्रक्टोज दोनों की मात्रा बढ़ जाती है। ये दोनों ही चीज़ें यदि साथ मिल जाती हैं तो गुर्दे की पथरी की समस्या को जन्म दे सकती है इसलिए जितना हो सके जंक फ़ूड को अवॉइड करना चाहिए।

8. पथरी में सिट्रिक एसिड का सेवन करें

गुर्दे की पथरी से बचने का सबसे अच्छा तरीक़ा यह है कि हम अपने डेली के आहार में सिट्रिक एसिड से भरपूर पदार्थों को शामिल करें। जो पदार्थ खट्टे होते हैं उन में पर्याप्त मात्रा में सिट्रिक एसिड पाया जाता है जैसे नींबू, आँवला, संतरा आदि।

गुर्दे में पथरी कैल्शियम ऑक्सिलेट के कारण बनती है। जब कैल्शियम, ऑक्सिलेट के साथ मिल जाता है तो ऐसे में गुर्दे में पथरी की समस्या हो जाती है लेकिन यदि हम पर्याप्त मात्रा में सिट्रिक एसिड का सेवन करते हैं तो ऐसा नहीं होता है।

दरअसल सिट्रिक एसिड, कैल्शियम के साथ मिल जाता है और इस तरह कैल्शियम को ऑक्सिलेट के साथ मिलने नहीं देता है। ऐसा होने पर हम गुर्दे में पथरी की समस्या से बच जाते हैं।

9. पथरी में दूध पीना चाहिए

पथरी के रोगी को अकसर दूध पीने की सलाह दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि दूध एक भरपूर आहार है और यह पथरी को साफ़ करने में मदद कर सकता है।

यदि आप पथरी से पीड़ित हैं, या आपके आस-पास कोई इस बिमारी से ग्रस्त है, तो उन्हें रोजाना दूध पीने की सलाह दें।

10. पथरी में दही लें

जैसा हमनें ऊपर बताया कि पथरी में आपको सिट्रिक एसिड के भोजन का सेवन करना चाहिए। सिट्रिक फल सामान्य रूप से खट्टे होते हैं, और दही भी इसी श्रेणी में आता है।

ऐसे में आपको नियमित रूप से पथरी में दही का सेवन करना चाहिए।

11. पथरी में चावल खाएं

हमनें आपको पथरी में खाने के लिए फल और सब्जियां तो बता दी, लेकिन अनाज में आपको चावल का सेवन करना चाहिए।

चावल में जरूरी पोषक तत्व होते हैं, जो पथरी को साफ़ करने की क्षमता रखते हैं। पथरी के रोगी को चावल का पानी पीने की भी सलाह दी जाती है।

शुगर के लक्षण और शुगर से बचने के 10 तरीके Dr Gursevak Singh Rajasthani

डायबिटीज लेवल : डायबिटीज यानि शुगर की बीमारी बहुत तेजी से बढ़ रही है। कई बार कुछ लोगों को इस बीमारी का तब पता चलता है, जब इससे शरीर के कुछ भागों (आंखों, किडनी, हार्ट) को नुकसान हो जाता है।

इस बीमारी का समय पर पता करना बहुत जरूरी है। डायबिटीज का किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। किडनी का खराब होना जानलेवा हो सकता है।

 आज हम आपको डायबिटीज के लक्षण बताएंगे, अगर आपको भी अपने शरीर इस तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं तो आप शुगर टेस्ट जरूर करवाएं। शुरू में ही शुगर की समस्या (Diabetes Problems)पर ध्यान दे दिया जाए तो आप बाकी हेल्थ प्रॉब्लम से बच सकते हैं।

डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms)

बार-बार बाथरूम जाना

जब शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है तो बार-बार पेशाब आने लगता है। शरीर में इकट्ठा हुआ शुगर पेशाब के जरिए शरीर से बाहर आने लगता है।

थकावट महसूस करना

अगर आप सारा दिन आलसी बने रहते है और थोड़ा-सा काम करने पर थकावट महसूस करने लगते हैं या फिर पूरी रात सोने के बाद भी आपको महसूस होता है कि नींद नहीं पूरी हुई तो अपना शुगर टेस्ट जरूर करवा कर देखें।

खुजली करने पर जख्म बनना

जब कभी शरीर के किसी भी भाग पर खारिश करने से जख्म बन जाता है और जल्दी ठीक नहीं हो पाता तो आपका शुगर लेवल बढ़ा हो सकता है। इस तरह की समस्या होने पर आपको तुरंत ईलाज की जरूरत हो सकती है।

नजर कमजोर होना

डायबिटीज का आंखों पर बहुत जल्दी बुरा प्रभाव पड़ता है। इससे आपको दिखना कम हो सकता है। शुगर के कारण आंखों के पर्दो को नुकसान होता है। शुगर के कारण खत्म हुई नजर दोबारा ठीक नहीं होती

घाव जल्दी न भरना

सब्जी काटते हुए हाथ पर कट लगने और शेविंग करते कट लगने पर घाव जल्दी ठीक नहीं होता या फिर धीरे-धीरे ठीक होता है तो यह भी शुगर के लक्षण हो सकते हैं।

बार-बार भूख लगना

शरीर में शुगर लेवल बढ़ने पर बार-बार भूख लगने लगती है अगर आप पहले से ज्यादा खाना खा रहे हैं और फिर भी पेट भरा नहीं लगता तो आप शुगरग्रसित हो सकते हैं।

वजन का कम होना

भूख में बढौतरी होने पर खाना खाने के साथ वजन भी बढ़ना चाहिए लेकिन शुगर लेवल बढ़ने पर लोग खाना भी बहुत खाते हैं और वजन भी कम रहता है।

स्किन प्रॉबल्म

शुगर लेवल बढ़ने पर स्किन से जुड़ी समस्याएं सामने आने लगती है। फेस पर मुहांसे और ब्लैकहेड्स बहुत तेजी से बढ़ने लगते हैं।

मसूड़ो से खून बहना

दांतों की सफाई करते समय मसूड़ो से खून निकलना या फिर मसूड़ो में सूजन रहने का कारण भी डायबिटीज हो सकती है। अगर आपको यह लक्षण लगातार नजर आ रहा है तो आपको शुगर चैकअप कराना चाहिए।

बार-बार मुंह सूखना

मधुमेह होने पर बहुत ज्यादा प्यास लगती है। बार-बार मुंह सूखने लगता है या फिर मुंह में नमी की कमी लगती है।

मधुमेह या डायबिटीज से बचने के 10 तरीके

आज की तारीख में मधुमेह रोग एक बड़ी महामारी का रूप ले चुका है, और आने वाले 20 वर्षों तक मधुमेह/डायबिटीज के रोगियों की संख्या बढ़ती रहेगी।

बहुत कुछ बोला और लिखा गया है मधुमेह के नियंत्रण और डायबिटीज/मधुमेह के साथ एक स्वस्थ जीवन बिताने के बारे में, लेकिन इसके साथ ही मधुमेह की रोकथाम करने के पहलू को भी उजागर करने की जरूरत है।

 इस रोग की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि आप यह नहीं कह सकते कि यह बीमारी आपको हो सकती है या नहीं। इसलिए, बेहतर है कि पहले से सही कदम उठाएं और इससे दूर रहें।

अपने शर्करा (ग्लूकोस) के स्तर की जाँच करें

बहुत सारे लोग पहले से ही मधुमेह से पीढ़ित होते हैं। उनका (फास्टिंग शुगर 100-125 मिलीग्राम /डी एल) होता है और वह इस बात से पूरी तरह से अनभिज्ञ होते हैं।

शर्करा परीक्षण करने से आपको समझने में मदद मिलेगी कि यदि आपको पूर्व मधुमेह है या नहीं या इसके विकास की संभावनाएं कितनी हैं। यदि आपको प्रीडायबिटीज है, आप इसे रोकने के लिए सही कदम उठा सकते हैं और इसे अपरिवर्तनीय मधुमेह में बदलने से रोक सकते हैं।

अपना लाइफस्टाइल बदलें

कभी कभी, छोटे परिवर्तन एक बड़ा फर्क ला सकते हैं। मधुमेह को रोकने के लिए जीवनशैली में हस्तक्षेप(बदलाव) सबसे अच्छा उदाहरण है। मधुमेह निवारण कार्यक्रमों पर कई अध्ययनों ने साबित किया है कि मधुमेह को आसीन जीवनशैली छोड़, स्वस्थ परिवर्तन अपनाकर प्रभावी ढंग से रोका जा सकता है।

स्वस्थ खाएं

कम कैलोरी, विशेष रूप से कम संतृप्त वसा वाला आहार खाएं। परिक्षण से पता चला है कि, वसा (फैट) का सेवन कुल कैलोरी की मात्रा के 30 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिए जबकि संतृप्त वसा (सैचुरेटेड फैट) सिर्फ 10 प्रतिशत तक प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। सब्जियां, ताज़े फल, साबुत अनाज, डेयरी उत्पादों और ओमेगा -3 वसा के स्रोतों को शामिल कीजिये। इसके अलावा, फाइबर सेवन भी ज़्यादा कीजिये।

अपने खाने के हिस्से को सीमित रखें

आप कितना खाते हैं और कब खाते हैं बहुत महत्त्वपूर्ण है। दिन भर में भोजन विभाजित करने से मोटापे और मधुमेह का खतरा कम होता है। अनुपात हिस्सों में भोजन खाना निश्चित रूप से उपयोगी साबित होगा। खाने के पैटर्न में अनियमितता भी रक्त शर्करा के स्तर में भारी परिवर्तन का कारण बन सकती है।

शारीरिक रूप से सक्रिय रहें

स्वस्थ रहने के लिए सबसे अच्छा तरीका व्यायाम करना है। यह न केवल मधुमेह को रोकता है पर एक सकारात्मक प्रभाव आपके समग्र स्वास्थ्य पर भी डालता है। आप ताज़ा और ऊर्जावान महसूस करेंगे।

अधिक वज़न और मोटापे से ग्रस्त लोगों को अपने दैनिक कार्यों में व्यायाम शामिल करना चाहिए। व्यायाम के 30 मिनट चाहे वह एरोबिक्स, सरल गतिविधियों जैसे नृत्य, टेनिस, जल्दी चलने के रूप में हो, आपके मधुमेह/टाइप 2 डायबिटीज के जोखिम को 30 प्रतिशत कम कर देता है।

यदि आपको व्यायाम करने के लिए समय निकालना मुश्किल लग रहा है, तो अपने विराम के बीच या अपने कार्यालय परिसर में भोजन करने के बाद चलें। यह आपके रक्त शर्करा के स्तर को नियमित करेगा और मधुमेह होने का खतरा कम हो जाएगा।

धूम्रपान न करें

जो लोग धूम्रपान करते हैं, वह मधुमेह होने का खतरा दुगुना कर देते हैं।आपको इस आदत को छोड़ना पड़ेगा तभी ही अन्य परिवर्तन आपके स्वास्थ्य पर पूर्ण रूप से प्रभाव कर सकेंगे ।

शराब का सेवन कम करें

ज़्यादा शराब पीने वाले लोग ज़्यादा जल्दी वज़न बढ़ने की प्रवृत्ति रखते हैं। मोटापे से मधुमेह का खतरा भी बढ़ जाता है। अगर आपको प्रीडायबिटीज है, शराब रक्त शर्करा में वृद्धि का कारण बनकर आपको जल्दी मधुमेह दे सकता है।

पर्याप्त नींद लीजिये

रोज़ाना रात को कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद बहुत जरूरी है। पर्याप्त नींद दिन के दौरान आपकी ऊर्जा का स्तर उच्च रखेगी, साथ ही यह उच्च कैलोरी वाले भोजन के लिए आपकी लालसा कम करने में मदद करेगी।

तनाव का प्रबंधन

जितना अधिक आप तनाव लेंगे उतना अधिक आप अस्वास्थ्यकर आदतों का पालन करेंगे। अध्ययन दिखाता है कि तनाव के हॉर्मोन्स रक्त शर्करा के स्तर में परिवर्तन लाते हैं और सीधा आपके मधुमेह के जोखिम को बढ़ाते हैं। अपने तनाव के स्तर को कम करने के लिए ध्यान का अभ्यास, योग, संगीत सुनना कोई भी ऐसी गतिविधि करें जो आप को तनाव से मुक्त और खुश रखे।

नियमित स्वास्थ्य जाँच

ऐसा कोई सबूत नहीं है कि मधुमेह को हमेशा के लिए रोका जा सकता है। जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम भी बढ़ जाता है जो मधुमेह से जुड़े हैं। इसलिए, 47 साल की उम्र के बाद, हर साल नियमित रूप से पूर्ण स्वास्थ्य जांच कराना ज़रूरी है।

लीवर की खराबी होने के लक्षण और उपाय Dr Gursevak Singh Rajasthani

अगर किसी का लीवर ख़राब हो गया हो तो सम्पर्क करें 

अगर किसी की दोनों किडनियां लीवर क्षतिग्रस्त हो गए हो यां डायलिसिस हो रही हो यां फिर पेट में पानी भर रहा हो तो उन्हें पूरी तरह से ठीक करने की आयुर्वेदिक दवाई वैद गुरसेवक सिंह राजस्थानी द्वारा बल्लबगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा में दी जाती है। अनाथ व दिव्यांगों को दवाई फ्री में दी जाती है। 

Contact: +919352740791 +918368489856

ज्यादातर लीवर की खराबी अधिक तेल मसाले वाला भोजन, ज्यादा शराब पीने या बाहर का खाना अधिक खाने की वजह से होता है. लीवर की खराबी के कई लक्षण हो सकते  हैं.

आज कल हर व्यक्ति को पेट से सम्बंधित कुछ न कुछ परेशानी लगी रहती है. यह परेशानी लीवर में गड़बड़ी की वजह से अधिक होती हैं. खान पान पर विशष ध्यान नहीं दे पाते हैं, जिसकी वजह से लीवर ख़राब हो जाता है. इसमें लीवर का फैटी होना, सूजन आ जाना और लीवर में इन्फेक्शन हो जाना शामिल है.

यदि हमारा खाना ठीक प्रकार से नहीं पच रहा है या हमे पेट में किसी प्रकार की परेशानी आ रही हैं तो हमे समझ जाना चाहिए की ये लीवर की खराबी के लक्षण हैं. इसे अनदेखा करना घातक साबित हो सकता है.

ज्यादातर लीवर की खराबी अधिक तेल मसाले वाला भोजन, ज्यादा शराब पीने या बाहर का खाना अधिक खाने की वजह से होता है. लीवर की खराबी के कई लक्षण हो सकते  हैं.

इसमें मुंह बदबू आना, आंखों के नीचे काले धब्बे पड़ना, पेट में हमेशा दर्द रहना, भोजन का सही ढंग से नहीं पचना, त्वचा पर सफ़ेद धब्बे पड़ना, पेशाब या मल गहरे रंग का होना इत्यादि लीवर की खराबी के सामान्य लक्षण हैं. लीवर की खराबी का हमें जांच के बाद ही पता चल सकता है.

यदि पाचनतंत्र में खराबी हो या लीवर पर वसा जमा  हो या फिर वह बड़ा हो गया हो तो ऐसे में पानी भी नहीं हजम होगा. त्वचा पर सफ़ेद धब्बे पड़ने लगते हैं, जिससे “लीवर स्पॉट” भी कहा जाता है. अगर हमारा लीवर सही से कार्य नहीं कर रहा होता है तो बदबू भी आने लगती है, क्योंकी मुंह में अमोनिया ज्यादा रिसता है.

फैटी लीवर रोग में भोजन — क्या खाना चाहिए



  • लीवर बढने या अन्य लीवर के रोगों में मरीज का खाना हल्का और आसानी से पचने वाला होना चाहिए ।
  • जौ के आटे की रोटी, जौ का सत्तू, मूंग की दाल, साबूदाने की खीर का सेवन करें |
  • हाई फाइबर वाले फल सब्जियां जैसे फलियां और साबुत अनाज अपने भोजन में शामिल करें |
  • नाश्ते में खिचड़ी, दलिया और उबली हुई सब्जी लें |
  • दोपहर के खाने में छिलके सहित आटे की दो रोटी, दो कटोरी उबली हुई सब्जी, एक छोटी कटोरी कटा हुआ पपीता और एक गिलास छाछ लें। शाम को चार बजे पपीता और अन्य कोई फल लें |
  • रात के खाने में : मोटे दरदरे आटे की 1 रोटी, 1 कटोरी दलिया और सब्जियों से बना सूप लें। सोने से एक घंटा पहले बिना चीनी वाला उबला हुआ 1 कप दूध पिएं।
  • फलों में पपीता, तरबूज, सेब, अनार, आंवला, नारियल खाएं।
  • फैटी लीवर के रोगी को मौसमी, पपीता, अमरूद, सेब जरुर खिलाएं।
  • सब्जियों में करेला, बैगन, मूली, नीबू, लहसुन, लौकी, धनिया, गाजर, ब्रोकली, बथुआ का साग का सेवन करें।
  • शुद्ध गन्ने का रस और कच्चे नारियल का पानी सुबह-शाम पिएं।
  • कड़वी मूली और उसके पत्तों का रस एक कप की मात्रा में सुबह-शाम पीने और इसकी सब्जी रोजाना खाने से रोग में शीघ्र आराम मिलता है।
  • फैटी लीवर होने पर अनार, आंवले व मूली का रस 2-2 चम्मच मिलाकर 2-3 बार नियमित पीने से शराब के सेवन से उत्पन्न लीवर का सूजन ठीक हो जाता है।
  • इस बीमारी में छाछ भी पियें और ग्रीन टी का भी सेवन करें |
  • ताकत के लिए अखरोट का सेवन करें, सूरज मुखी के बीज, ओलिव आयल को अपने आहार में शामिल करें
  • एक गिलास गाजर के जूस में 20 मिलीलीटर आंवले का जूस लेकर मिला लें और इसमें थोड़ा सा सेंधा नमक मिला कर पियें |
  • लीवर के रोगों में पालक और चकुंदर का जूस भी लाभकारी है |
  • कच्चे पपीते का थोड़ा-सा रस लेकर उसमें थोड़ी-सी चीनी मिलाकर लेना चाहिए।
  • पके पपीते का थोड़ा-सा रस रोजाना पिलाने से भी लाभ होगा।
  • दूध में तुलसी के पत्तों का रस (10-15 बूंदें) मिलाकर रोज पिलाएं।
  • पानी में चूने के पानी की चार-पांच बूंदें डालकर रोजाना पिलाएं।
  • पीपल का चूर्ण शहद के साथ रोजाना दिन में दो बार चटाने से भी लाभ होगा।
  • करेले का थोड़ा-सा रस लेकर उसमें शहद मिलाकर रोजाना पिलाएं।
  • त्रिफला का थोड़ा-सा चूर्ण एक कप पानी में पकाएं। जब पानी एक चौथाई रह जाए तो उतारकर छान लें। इसे ठंडा करके एक चम्मच शहद में मिलाकर दें। 

लीवर बढ़ने की बीमारी में क्या नहीं खाना चाहिए : परहेज



  • फैटी लीवर की बीमारी में भारी, गरिष्ठ, घी तेल में तले, मिर्च-मसालेदार भोजन का सेवन न करें।
  • भोजन हल्दी में न पकाएं। नमक भी नाममात्र का डालें।
  • घी और चीनी का प्रयोग बहुत ही कम करें। हो सके तो बंद ही कर दे तो अच्छा होगा।
  • फैटी लीवर में शराब, चावल, पास्ता, चाय, मैगी, चौमीन, कॉफी, तंबाकू, मांस खासकर रेड मीट और मिठाइयां न खाएं-पिएं।
  • सफेद डबलरोटी, बर्गर, जंक फ़ूड और मैदा से बने भोजन ना खाएं |
  • सोडा, कोला, एनेर्जी ड्रिंक, प्रोसेस्ड फ़ूड आदि से परहेज रखें |
  • कम वसा वाले, कम-कैलोरी वाले आहार आपको वज़न कम करने और फैटी लीवर की बीमारी से छुटकारा दिलवा सकता है |

इन बातों का भी रखे ख्याल



  • दर्द के स्थान पर गर्म पानी की थैली से सेंक करें।
  • दिन में सोने की आदत को टालें।
  • फैटी लीवर होने पर कब्ज की शिकायत न होने दें।
  • ज्यादा परिश्रम के काम न करें।
  • शरीर का वजन वजन कम करें अगर आप मधुमेह के रोगी है तो शुगर लेवल कंट्रोल करें |
  • देर रात तक ना जागे ।
  • फैटी लीवर के रोगी को सर्दियों के दिनों में धूप में बैठाएं।
  • सरसों के तेल की शरीर पर मालिश करें।

अगर किसी का लीवर ख़राब हो गया हो तो सम्पर्क करें 

अगर किसी की दोनों किडनियां लीवर क्षतिग्रस्त हो गए हो यां डायलिसिस हो रही हो यां फिर पेट में पानी भर रहा हो तो उन्हें पूरी तरह से ठीक करने की आयुर्वेदिक दवाई वैद गुरसेवक सिंह राजस्थानी द्वारा बल्लबगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा में दी जाती है। अनाथ व दिव्यांगों को दवाई फ्री में दी जाती है। 

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किडनी फेल होने के कारण और उपाय Dr Gursevak Singh Rajasthani

अगर किसी की किडनी ख़राब हो गयी हो तो सम्पर्क करें 

अगर किसी की दोनों किडनियां व लीवर क्षतिग्रस्त हो गए हो यां डायलिसिस हो रही हो यां फिर पेट में पानी भर रहा हो तो उन्हें पूरी तरह से ठीक करने की आयुर्वेदिक दवाई वैद गुरसेवक सिंह राजस्थानी द्वारा बल्लबगढ़, फरीदाबाद, हरियाणा में दी जाती है। अनाथ व दिव्यांगों को दवाई फ्री में दी जाती है।

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गुर्दे की बीमारी (Kidney Disease): किडनी का हमारे शरीर में काफी बड़ा रोल हैं। किडनी ब्लड को साफ करके शरीर से सारे हानिकारक पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करती हैं।

 वैसे तो हमारे शरीर में दो किडनी होती हैं। कहते है कि स्वस्थ इंसान एक किडनी के सहारे भी जीवित रह सकता हैं लेकिन एक किडनी खराब होने की वजह से कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।

किडनी फेल होने के कारण और उपाय (Kidney Damage Symptoms)


बेहतर है कि किडनी खराब होने से पहले ही उसके कुछ शुरूआती लक्षणों को पहचानकर तुरंत इलाज शुरू कर दिया जाए। आज हम आपको कुछ लक्षण बताएंगे, जो किडनी खराब होने की तरफ इशारा करते हैं।

1- वैसे तो पेट में दर्द होना आम बात है लेकिन अगर दर्द पेट के बांयी या दांयी ओर होने लगे और वह असहनीय हो जाए तो इसको नजरअंदाज न करें क्योंकि यह किडनी डैमेज का संकेत भी हो सकता हैं।

2- हाथों-पैरों पर सूजन किसी भी वजह से हो सकती हैं लेकिन यह किडनी खराब होने के कारण भी हो सकता हैं। दरअसल, किडनी खराब होने पर शरीर में कई हानिकारक पदार्थ जमा होने लगते है, जिससे हाथों-पैरों पर सूजन आने लगती है और यूरिन का रंग गाढ़ा हो जाता हैं।

3- अगर यूरिन पास करते समय खून आए तो इसे अनेदखा बिल्कुल न करें क्योंकि यह लक्षण किडनी खराब होने की ओर भी इशारा करता है। ऐसे में तुरंत किसी डॉक्टर से संपर्क करें और उसे अपनी सारी प्रॉबल्म बताए।

4- अगर आपका भी अचानक से यूरिन निकल जाता है और कंट्रोल में नहीं होता है तो यह किडनी की बीमारी हो सकती हैं। इस प्रॉबल्म को मामूली न समझते हुए तुरंत एक्शन लें।

5- अगर यूरिन पास करते वक्त जलन महसूस या बेचैनी हो तो इसे हल्के में मत लें। यह यूरिन इन्फेक्शन या किडनी खराब होने का संकेत हैं।

6- दिनभर काम करके थकान होना आम है लेकिन जब कमजोरी और थकान बिना वजह होने लगे तो यह किडनी फेल होने का ही एक लक्षण हैं।

इस तेज़ी से भागती-दौड़ती, तनाव से भरी हुई जिंदगी में हम कई तरह के टॉक्सिन के संपर्क में आते रहते हैं | फ़ास्ट फ़ूड के रूप में अस्वस्थकर चीज़ों को खाना, कैफीन जैसे उत्तेजक पेय पदार्थों को पीना और पार्टी करने की जीवनशैली को हम मनुष्यों ने अपने जीवन को जीने का तरीका बना लिया है |

और हमारे सिस्टम में इस सभी चीज़ों से निकलने वाले टॉक्सिन को वास्तव में सहन कौन करता है ? एक जोड़ी बीन (bean) के आकार का अंग जो एब्डोमिन कैविटी (abdominal cavity) के एक-एक किनारे पर स्थिति होता है, जिन्हें किडनी कहते हैं।

 ये दिन-रात काम करती हैं, चौबीसों घंटे इन हानिकारक टॉक्सिन को फ़िल्टर करते रहते हैं | जब इन टॉक्सिन का लोड बहुत ज्यादा हो जाता है तो इसको सहन करने वाले इस अंग की अर्थात् किडनी की काम करने की क्षमता कम हो जाती है।

जिससे किडनी स्टोन, संक्रमण, सिस्ट, ट्यूमर होने की सम्भावना बढ़ जाती है और अंततः किडनी अपना काम करना बंद कर देती है | अपनी किडनी को साफ और स्वस्थ (detoxify) रखने के बारे में जानने के लिए यह लेख पड़ें |

कैसे किडनी को स्वस्थ रखें जो किडनी पेशेंट नहीं हैं।


 Step-1:

ज्यादा से ज्यादा पानी पियें: किडनी को नियमित रूप से डिटॉक्स या साफ़ करने के लिए सबसे ज्यादा ज़रूरी है कि प्राकृतिक, साफ़ पानी ज्यादा से ज्यादा पियें | हर दिन 10-12 गिलास पानी पीने से जमा हुए टोक्सिंस को फ़िल्टर करके बाहर निकालने में मदद मिलती है |

इसका सबसे अच्छा संकेत है, साफ़ मूत्र निकलना जिसमे बहुत तेज़ गंध न हो | अगर मूत्र का रंग हलके पीले से बहुत ज्यादा गहरा हो तो इसका मतलब यह है की मूत्र बहुत सान्द्र या गाढ़ा है |

साफ़ मूत्र का निकलना साफ़ फ़िल्टरिंग सिस्टम को दर्शाता है |[१] कोला, कॉफ़ी और अन्य इसी प्रकार के पेय पदार्थों के रूप में पाए जाने वाले तरल, नेचुरल वॉटर के उम्दा विकल्प नहीं होते |

विभिन्न प्रकार की चाय और जूस के द्वारा किडनी के डिटॉक्सिफिकेशन का दावा किया जाता है, और यह बिलकुल सही भी है | परन्तु, मेडिकली, केवल शुद्ध जल ही किडनी की मदद को प्रमाणित करता है | यह सही है कि विभिन्न चाय और जूस में उपयोगी पदार्थ हो सकते हैं जैसे विटामिन और मिनरल्स |

परन्तु, इनमे कैफीन और चीनी की उच्च सांद्रता भी होती है जो आपकी किडनी के लिए हानिकारक हो सकती है | याद रखें, पानी ही सर्वोत्तम है |

Step-2:

खूब सारे फल खाएं: पोटैशियम से भरपूर फल और सब्जियां किडनी को साफ़ करने में मदद करते हैं | साइट्रस फल जैसे अंगूर, संतरे, केंटालोप (cantaloupe), केला, कीवी, अखरोट, खूबानी ये सभी पोटैशियम के उम्दा स्त्रोत हैं |[२] दूध और दही भी पोटैशियम के अच्छे स्त्रोत हैं |


इन फलों को अपनी रोज़ की डाइट में शामिल करने से रक्त में इलेक्ट्रोलाइट के लेवल को बनाये रखने में मदद मिलती है जिससे किडनी अच्छी तरह से काम कर पाती है |

 एक गिलास अंगूर का रस प्रतिदिन सुबह या दोपहर में पीना, अतिरिक्त यूरिक एसिड (किडनी का एक सह उत्पाद) के निर्माण को साफ़ करके बाहर निकालने के लिए जाना जाता है |

पोटैशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का अंतर्ग्रहण संतुलित होना चाहिए | पोटैशियम का अत्यधिक अंतर्ग्रहण हाइपरकेलेमिया (hyperkalemia) नामक स्थिति उत्पन्न कर सकता है जो घातक होती है और इसके कारण कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) हो सकता है |

 जिन लोगों को किडनी की परेशानी जैसे किडनी फेलियर हो, उन्हें बहुत अधिक पोटैशियम नहीं लेना चाहिए | एक स्वस्थ व्यक्ति को प्रतिदिन 4.7 ग्राम पोटैशियम ही लेना चाहिए |[३]

Step-3:

बेरीज को न भूलें ! बेरीज जैसे क्रैनबेरी, ब्लैकबेरी या जामुन किडनी को साफ़ करने में मदद करती हैं | क्रैनबेरी में क़ुइनाइन (quinine) नामक पोषक तत्व पाया जाता है जो लिवर में मेटाबोलिक बदलावों की सीरीज से खुद को हिप्पुरिक एसिड (hippuricacid) में बदल लेता है |

हिप्पुरिक एसिड किडनी में यूरिया और यूरिक एसिड की अधिकता को साफ़ करता है | हर दिन एक कप क्रैनबेरी या जामुन का रस किडनी को साफ़ रखने के लिए काफी होता है | वैज्ञानिक अध्ययन प्रमाणित करते हैं कि अपने एंटीबैक्टीरियल गुण के कारण क्रैनबेरी, यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन को रोकने में बहुत उपयोगी होती है |

Step-4:

अपनी डाइट में जौ (barley) को शामिल करें: जौ या बार्ली एक बेहतरीन अनाज है जिसका उपयोग किडनी को साफ़ करने के साथ ही अनियंत्रित डायबिटीज के कारण किडनी में होने वाले नुकसान से बचाने के लिए भी किया जाता है |

याद रखें, बार्ली किडनी का इलाज़ नहीं करता बल्कि अन्य विधियों के समायोजन के साथ किडनी के कार्यों को सुचारू बनाये रखता है | बार्ली एक साबुत अनाज (whole grain) है और बार्ली को अपनी डाइट में शामिल करने के लिए रिफाइंड आटे के स्थान पर बार्ली के आटे का उपयोग करना बेहतर होता है |

बार्ली के उपयोग को बढाने का एक और उपाय है, रात में एक मुट्ठी बार्ली को पानी में भिगो दें और सुबह सबसे पहले उसके पानी को पियें | यह किडनी के टोक्सिन के निर्माण को साफ़ करता है और किडनी की मरम्मत करता है |[६] ऐसा भी देखा गया है कि बार्ली का नियमित उपयोग क्रिएटिनिन (creatinine) लेवल को बनाये रखने में मदद करता है या डायबिटीज के केस में इसे सामान्य की अपेक्षा कम कर देता है|

Step-5:

अल्कोहल, कैफीन और चॉकलेट जैसी चीज़ों से दूर रहें: हालाँकि वैज्ञानिक में आज भी इस बारे में मतभिन्नता है, लेकिन जो चीज़ें नहीं लेना चाहिए उनकी संभावित लिस्ट में अल्कोहल, कैफीन, चॉकलेट, नट्स और प्रोसेस्ड फूड्स शामिल हैं |

इन्हें लेने की बहुत अधिक सिफारिश नहीं की जाती क्योंकि ये आपकी किडनी के लिए अच्छे नहीं होते और आपके सम्पूर्ण स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं | आप चाहे डेटोक्स हों या नहीं, इस बात की परवाह किये बगैर इन चीज़ों के अंतर्ग्रहण को सीमित करना ही सबसे अच्छा होता है |

हालाँकि, किडनी के लिए कोई भी अध्ययन इन दावों के समर्थन में कोई निश्चित परिणाम युक्त प्रमाण नहीं देते कि इन चीज़ों को नहीं लेना चाहिए | आज तक इस विषय पर कोई अंतिम परिणाम प्राप्त नहीं किया गया है |

अगर किसी की किडनी ख़राब हो गयी हो तो सम्पर्क करें 

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